Saturday, February 2, 2013

'इंडिया आर्ट फेयर' के अनोखे अंदाज़-Part-3

एक कमेंट नेताओं पर
एक कमेंट नेताओं पर.....संडास में बैठे विचार करते हुए। बहस-मुबाहिसों को देखकर कुछ ऐसा ही लगता है।

क्या संतुलन है
बैलेंस- कलाकार सुदर्शन सेठ। एक तरफ मंदिर और दूसरी तरफ मंदिर से बनने वाले औजार..क्या संतुलन है।

संदूक
संदूक हम सभी के घर में होते हैं, लेकिन कलाकार ने इन संदूकों में बंद कर दिया है दिल्ली की धरोहरों को

विंडचाइम्स
विंडचाइम्स- जिजी स्कारिया की कृति। हवा में झूलते घर...पवनचक्की से प्रेरित घरों की ये कल्पना

'इंडिया आर्ट फेयर' के अनोखे अंदाज़-Part-2

यादें...
फटे कोटों से कलाकार बहुत कुछ कहना चाहता है। यादें...छोटी-बड़ी। भूली बिसरी।

दर्द या मुस्कुराहट
कलाकार- वेद नायर। कीलों से बिंधे हुए दो सर..दर्द या मुस्कुराहट।
 
कला कम प्रदर्शन 
रियलिटी और सुपररियलिटी, कला कम कला प्रदर्शन अधिक। लोरेंजो की इस कलाकृति में दो शीशे के बक्से हैं, जिसमें से एक को उन्होंने तोड़ दिया। जो न टूटा वो रियलिटी जो टूट गया वो स्पिरिचुयलिटी।

किचन के बर्तन
सुबोध गुप्ता अपने किचन के बर्तनों के साथ। किचन के बर्तन उनका ट्रेडमार्क स्टाइल है कला को उतारने का।

'इंडिया आर्ट फेयर' के अनोखे अंदाज़-Part-1

इंडिया आर्ट फेयर
इंडिया आर्ट फेयर में मल्टीमीडिया शिल्पों की संख्या अधिक है। समय और काल। कलाकार की कल्पना में वह समय के आगे कितना छोटा है। साभार:बीबीसी
समय और काल
कलाकार की कल्पना में वह समय के आगे कितना छोटा है


भारतीय तिरंगा 
पेरिस की कलाकार जेनकेल की कृति। भारतीय तिरंगे से प्रेरित। फ्रांस की चॉकलेट भी तो लोकप्रिय है।

कृति भूमि
मनु पारेख की कृति भूमि। अगर भूमि होगी तो कैसी होगी देखने में।

बर्तनों से बनी बोतल
एब्सोल्यूट सुबोध....जी हां, भारत के डेमियन हर्स्ट कहे जाने वाले सुबोध गुप्ता चिरपरिचित अंदाज़ में बर्तनों से लेकर एब्सोल्यूट वोदका के लिए जाने जाते हैं।