Monday, February 4, 2013

Breezsunder Sharma make paintings by smoke of chimny...



कोटड़ी में रहने वाले बृजसुंदर शर्मा पिछले 20 साल से चिमनी के धुंए से चित्र बना रहे हैं। इन चित्रों को देशभरमें ख्याति मिल चुकी है। उनका दावा है कि वो एकमात्र ऐसे चित्रकार हैंजो अमूर्त शैली में चिमनी के धुएं सेचित्र बना रहे हैं। शर्मा ने बताया कि बचपन में गांव में बिजली नहीं थी। रोशनी के लिए आलिया (ताकमेंचिमनी रखी जाती थी। आलिया में चिमनी का धुआं जब जम जाता थातब अंगुली से तरह-तरह के चित्रबनाता था। इसके बाद आदत सी बन गई।
शर्मा के अनुसार कमरे को बंद कर सबसे पहले चिमनी जलाकर धुंए के ऊपर बार-बार कागज की शीट को घुमाकर धुंए की कालिख ली जाती है। इसमें रबर  कपड़े से टेक्स्चर निकाले जाते हैं। इस पेंटिंग्स में सब्जेक्ट चयनकरना होता है। यहां बंद कमरे में कागज की शीट पर अमूर्त कलाकृति उभरती है। यह लंबे समय तक स्थाई रहे,इसलिए फिक्सर काम में लिया जाता है। उन्होंने बताया कि बंद कमरे में चित्र बनाने के दौरान बार-बार कमरेसे बाहर आना पड़ता है।






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