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| यादें... फटे कोटों से कलाकार बहुत कुछ कहना चाहता है। यादें...छोटी-बड़ी। भूली बिसरी। | 
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| दर्द या मुस्कुराहट कलाकार- वेद नायर। कीलों से बिंधे हुए दो सर..दर्द या मुस्कुराहट। | 
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| कला कम प्रदर्शन रियलिटी और सुपररियलिटी, कला कम कला प्रदर्शन अधिक। लोरेंजो की इस कलाकृति में दो शीशे के बक्से हैं, जिसमें से एक को उन्होंने तोड़ दिया। जो न टूटा वो रियलिटी जो टूट गया वो स्पिरिचुयलिटी। | 
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| किचन के बर्तन सुबोध गुप्ता अपने किचन के बर्तनों के साथ। किचन के बर्तन उनका ट्रेडमार्क स्टाइल है कला को उतारने का। | 
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