Art is the process or product of deliberately arranging elements in a way to affect the senses or emotions.
Friday, February 22, 2013
Sunday, February 10, 2013
Nude paintings by Indian artists.....Part-2
पिएटा...जो माइकल एजेंलो ने बनाई थी...मरियम की गोद में यीशु...इसी से प्रेरित यह पेंटिंग बी प्रभा की है। |
सतीश सिन्हा के बड़े स्केचों में से एक...नहाती औरत। |
के लक्ष्मा गौड की यह पेंटिंग एकबारगी आदिवासी महिलाओं की याद दिला सकती है आपको। |
रंग संयोजन के लिए विख्यात लक्ष्मण पाई की यह पेंटिंग भी डीएजी गैलरी में विराजमान है। |
एम एफ हुसैन ...जो कम ही नग्न चित्र बनाते थे। शुरुआती दौर की यह पेंटिंग। |
Nude paintings by Indian artists.....
महादेव भट्टाचार्जी की बनाई कांस्य मूर्ति। स्त्री की लज्जा को इससे बेहतर व्यक्त कर पाना शायद संभव ही नहीं। |
यह पेटिंग उस समय की जब पहला टेस्ट ट्यूब बेबी आया था। चित्रकार हैं- अनुपम सूद। |
विकास भट्टाचार्जी की कृति जिसमें पेंटिंग एक कथा का हिस्सा भी है। |
जोगेन चौधरी की कृति। जोगेन चौधरी एक ही रंग से चित्र बनाने के लिए विख्यात हैं लेकिन ऐसा सूक्ष्म काम कम ही लोग कर पाते हैं। |
मिथकों से प्रेरित गोगी सरोज पाल की पेंटिंग। गोगी ने कई देवी देवताओं पर चित्र बनाए हैं। |
अविनाश चंद्र की यह कृति परेशान कर सकती है लेकिन इसमें प्रकृति पूजा से बहुत प्रेरणा ली गई है। |
Saturday, February 9, 2013
Top ten costliest paintings
पेंटिंग का नाम: द कार्ड प्लेयर्स (The Card Players)
पेंटर: पॉल सिजेन (Paul Cezanne)
कीमत: 1331 करोड़ रुपये
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पेंटिंग का नाम: नंबर 5, 1948 (No 5, 1948)
पेंटर: जैक्सन पॉलोक (Jackson Pollock)
कीमत: 834 करोड़ रुपये
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पेंटिंग का नाम: विमेन III (Woman III)
पेंटर: विलियम डे कनिंग (Willem de Kooning)
कीमत: 819 करोड़ रुपये
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पेंटिंग का नाम: अडेल ब्लो-बाउर I (Adele Bloch-Bauer I)
पेंटर: गुस्ताव किल्मट (Gustav Klimt)
कीमत: 800 करोड़ रुपये
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पेंटिंग का नाम: बॉल डू माउलिन डे ला गैलेट (Bal du moulin de la Galette)
पेंटर: ऑगस्ट रेनोइर पियरे (Auguste Renoir Pierre)
कीमत: 726 करोड़
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पेंटिंग का नाम: न्यूड, ग्रीन लीव्स एंड बस्ट (Nude, Green Leaves and Bust)
पेंटर: पाब्लो पिकासो (Pablo Picasso)
कीमत: 538 करोड़ रुपये
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Tuesday, February 5, 2013
'बेशकीमती पेंटिंग्स'- Expensive Paintings
लॉन्ग स्लीप ऑफ द स्टोरी-टेलर- रंजीत कालेका की विशालकाय कृति। सपनों और कहानीकार की कहानी। साभार:बीबीसी |
सैय्यद हैदर रज़ा की कृति सेसॉन 1। ये उस दौर की पेंटिंग है जब रज़ा बिंदु और दृश्यों के बीच काम कर रहे थे। |
अपने लाइनवर्क के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध केके हेब्बार की पेटिंग कंस्ट्रक्शन। मज़दूर कैसे बनाते हैं इमारतें. |
द ब्लू टॉरसो-तैय्यब मेहता की कृति। कीमत पांच करोड़ रुपये |
'बेशकीमती पेंटिंग्स'- Expensive Paintings
नंदलाल बोस की कृति ज़हर पीते शिव। क़ीमत चार करोड़ रुपये से भी ज्यादा। |
द सस्पेंस एट द लास्ट सपर: कृष्ण खन्ना की कृति दिखाती है कि ईसा मसीह के आखिरी सपर में क्या गूढ़ बात छुपी थी। |
घोड़ों को अपनी पेंटिग्स में हुसैन ने एक विशेष पहचान दी। न जाने कितनी कलाकृतियां। और यह है हुसैन की ही एक अनाम कृति। |
हुसैन एक बार फिर। इस कृति का नाम है रानी। किसी रानी या अपने मन की रानी को ही कैनवस पर उकेर डाला हुसैन ने। |
Monday, February 4, 2013
Breezsunder Sharma make paintings by smoke of chimny...
कोटड़ी में रहने वाले बृजसुंदर शर्मा पिछले 20 साल से चिमनी के धुंए से चित्र बना रहे हैं। इन चित्रों को देशभरमें ख्याति मिल चुकी है। उनका दावा है कि वो एकमात्र ऐसे चित्रकार हैं, जो अमूर्त शैली में चिमनी के धुएं सेचित्र बना रहे हैं। शर्मा ने बताया कि बचपन में गांव में बिजली नहीं थी। रोशनी के लिए आलिया (ताक) मेंचिमनी रखी जाती थी। आलिया में चिमनी का धुआं जब जम जाता था, तब अंगुली से तरह-तरह के चित्रबनाता था। इसके बाद आदत सी बन गई।
शर्मा के अनुसार कमरे को बंद कर सबसे पहले चिमनी जलाकर धुंए के ऊपर बार-बार कागज की शीट को घुमाकर धुंए की कालिख ली जाती है। इसमें रबर व कपड़े से टेक्स्चर निकाले जाते हैं। इस पेंटिंग्स में सब्जेक्ट चयनकरना होता है। यहां बंद कमरे में कागज की शीट पर अमूर्त कलाकृति उभरती है। यह लंबे समय तक स्थाई रहे,इसलिए फिक्सर काम में लिया जाता है। उन्होंने बताया कि बंद कमरे में चित्र बनाने के दौरान बार-बार कमरेसे बाहर आना पड़ता है।
Saturday, February 2, 2013
'इंडिया आर्ट फेयर' के अनोखे अंदाज़-Part-3
एक कमेंट नेताओं पर एक कमेंट नेताओं पर.....संडास में बैठे विचार करते हुए। बहस-मुबाहिसों को देखकर कुछ ऐसा ही लगता है। |
क्या संतुलन है बैलेंस- कलाकार सुदर्शन सेठ। एक तरफ मंदिर और दूसरी तरफ मंदिर से बनने वाले औजार..क्या संतुलन है। |
संदूक संदूक हम सभी के घर में होते हैं, लेकिन कलाकार ने इन संदूकों में बंद कर दिया है दिल्ली की धरोहरों को। |
विंडचाइम्स विंडचाइम्स- जिजी स्कारिया की कृति। हवा में झूलते घर...पवनचक्की से प्रेरित घरों की ये कल्पना। |
'इंडिया आर्ट फेयर' के अनोखे अंदाज़-Part-2
यादें... फटे कोटों से कलाकार बहुत कुछ कहना चाहता है। यादें...छोटी-बड़ी। भूली बिसरी। |
दर्द या मुस्कुराहट कलाकार- वेद नायर। कीलों से बिंधे हुए दो सर..दर्द या मुस्कुराहट। |
कला कम प्रदर्शन रियलिटी और सुपररियलिटी, कला कम कला प्रदर्शन अधिक। लोरेंजो की इस कलाकृति में दो शीशे के बक्से हैं, जिसमें से एक को उन्होंने तोड़ दिया। जो न टूटा वो रियलिटी जो टूट गया वो स्पिरिचुयलिटी। |
किचन के बर्तन सुबोध गुप्ता अपने किचन के बर्तनों के साथ। किचन के बर्तन उनका ट्रेडमार्क स्टाइल है कला को उतारने का। |
'इंडिया आर्ट फेयर' के अनोखे अंदाज़-Part-1
इंडिया आर्ट फेयर
इंडिया आर्ट फेयर में मल्टीमीडिया शिल्पों की संख्या अधिक है। समय और काल। कलाकार की कल्पना में वह समय के आगे कितना छोटा है। साभार:बीबीसी
इंडिया आर्ट फेयर में मल्टीमीडिया शिल्पों की संख्या अधिक है। समय और काल। कलाकार की कल्पना में वह समय के आगे कितना छोटा है। साभार:बीबीसी
समय और काल
कलाकार की कल्पना में वह समय के आगे कितना छोटा है।
कलाकार की कल्पना में वह समय के आगे कितना छोटा है।
भारतीय तिरंगा
पेरिस की कलाकार जेनकेल की कृति। भारतीय तिरंगे से प्रेरित। फ्रांस की चॉकलेट भी तो लोकप्रिय है। |
कृति भूमि
मनु पारेख की कृति भूमि। अगर भूमि होगी तो कैसी होगी देखने में। |
बर्तनों से बनी बोतल एब्सोल्यूट सुबोध....जी हां, भारत के डेमियन हर्स्ट कहे जाने वाले सुबोध गुप्ता चिरपरिचित अंदाज़ में बर्तनों से लेकर एब्सोल्यूट वोदका के लिए जाने जाते हैं। |
Friday, February 1, 2013
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